शीत-वर्णन-बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Basudev Agarwal Naman

शीत-वर्णन-बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Basudev Agarwal Naman   (वंशस्थ छंद) तुषार आच्छादित शैल खण्ड है। समस्त शोभा रजताभ मण्ड है। प्रचण्डता भीषण शीत से पगी। अलाव तापें यह चाह है जगी।। समीर भी है सित शीत से महा। प्रसार ऐसा कि न जाय ही सहा। प्रवाह भी है अति तीव्र वात का। …

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