शिक्षा की अवस्था-भारत-भारती (वर्तमान खण्ड) -मैथिलीशरण गुप्त -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maithilisharan Gupt Bharat-Bharti( Vartman Khand)
शिक्षा की अवस्था-भारत-भारती (वर्तमान खण्ड) -मैथिलीशरण गुप्त -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maithilisharan Gupt Bharat-Bharti( Vartman Khand) हा ! आज शिक्षा-मार्ग भी सङ्कीर्ण होकर क्लिष्ट है, कुलपति-सहित उन गुरुकुलों का ध्यान ही अवशिष्ट है। बिकने लगी विद्या यहाँ अब, शक्ति हो तो क्रय करो, यदि शुल्क आदि न दे सको तो मूर्ख रह कर …