शिकस्त-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar
शिकस्त-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar स्याह के टीले पे तनहा खड़ा वो सुनता है फ़िज़ा में गूँजती अपनी शिकस्त की आवाज़ निगाह के सामने मैदान-ए-कारज़ार जहाँ जियाले ख़्वाबों के पामाल और ज़ख़्मी बदन पड़े हैं बिखरे हुए चारों सम्त बेतरतीब बहुत से मर चुके और जिनकी साँस चलती …