शिकस्त-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz,
शिकस्त-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz, बारहा मुझसे कहा दिल ने कि ऐ शोब्दागर तू कि अल्फ़ाज़ से अस्नामगरी करता है कभी उस हुस्ने-दिलआरा की भी तस्वीर बना जो तेरी सोच के ख़ाक़ों में लहू भरता है बारहा दिल ने ये आवाज़ सुनी और चाहा मान लूँ मुझसे …