अखियां दुख भरी मेरी-पंजाबी काफ़ियाँ शाह शरफ़-शाह शरफ़ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shah Sharaf
अखियां दुख भरी मेरी-पंजाबी काफ़ियाँ शाह शरफ़-शाह शरफ़ -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shah Sharaf अखियां दुख भरी मेरी देखनि यार तुसानूं । डिठे बाझूं रहन न मूले लग्गी चोट नैणां नूं ।१।रहाउ। जै तन लगी सो तन जाने गुझड़ी वेदन असानूं ।१। शाहु शरफ़ दिल दरदु घणेरे मालुमु हाल मित्रां नूं ।२। (किदारा)