शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 5

शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 5 47- रातभर उनकी यादों की तन्हाइयां डंसती रही सुबह तक ख्वाब मुकमल ना हो पाया, हाय यह ज़ालिम कैसा प्यार फिर कोई आशिक रात भर न सो पाया । _ ए खुदा उनके ही घर के आगे से मेरा जनाजा निकले …

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शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 4

शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 4   41- तुम भी बेवफा, यह मेरी जिंदगी भी बेवफा मुझे है पता, एक दिन तुम दोनों, मुझे छोड़ कर जाओगे । – मैं घूमता रहा, जीवन भर, हर उस गली, शहर मैं जहाँ, जहाँ प्रिये, तुम्हारी यादें बसी थी । …

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शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 3

शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 3 ================= 26- मैं कई मुद्दतों से सोया नहीं हूं मुझे आस है वह आएगी । ================= 27- मैंने हर मजहब की किताब पढ़ी पर जो सकुन, तेरी आँखों को पढ़ कर मिला वह कहीं नहीं । ================= 28- ऐ खुदा इन …

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शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 2

शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 2   12 – ऐ कान्हा अब तेरे शहर में मुरली खरीदने वाला कोई नहीं सब लोगों को D.J का चस्का लग गया कोई इधर गया कोई उधर गया । ======================= 13 – हृदय चंचल, मन चंचल,चंचल यह सारा जहां प्रभु विराजे …

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शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 1

शायरी -श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht Part 1 ================= 1 – इंसानों की बसी इस दुनिया में लोग पत्थर पूजते हैं खुद बन बैठे हैं पत्थर और भगवान पूजते हैं जलाते क्यों नहीं दिए उन अँधेरी राहों में जहां हम तुम जैसे इंसान बसतें हैं सकून नहीं तुझे तेरे …

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