शाम के नाम : अंतिम बेला-प्राणेन्द्र नाथ मिश्र -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pranendra Nath Misra
शाम के नाम : अंतिम बेला-प्राणेन्द्र नाथ मिश्र -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pranendra Nath Misra अब खेल खतम है मदारी का, तुम पैसे फेंको, ना फेंको चल पड़ा, दूसरे ठौर पे मैं मेरी गति देखो, या न देखो। मैं मुड़ के नहीं अब देखूंगा जो बीत गया, वह भस्म है …