मियां तू हमसे न रख कुछ गुबार होली में-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

मियां तू हमसे न रख कुछ गुबार होली में-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi मियां तू हमसे न रख कुछ गुबार होली में। कि रूठे मिलते हैं आपस में यार होली में। मची है रंग की कैसी बहार होली में। हुआ है ज़ोरे चमन आश्कार होली में। अजब …

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 क़ातिल जो मेरा ओढ़े इक सुर्ख़ शाल आया-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

क़ातिल जो मेरा ओढ़े इक सुर्ख़ शाल आया-होली कविता -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi क़ातिल जो मेरा ओढ़े इक सुर्ख़ शाल आया। खा-खा के पान ज़ालिम कर होंठ लाल आया। गोया निकल शफ़क़ से बदरे-कमाल आया। जब मुंह में वह परीरू मल कर गुलाल आया। एक दम तो देख …

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