छिड़ गये साज़े-इश्क़ के गाने-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri
छिड़ गये साज़े-इश्क़ के गाने-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri छिड़ गये साज़े-इश्क़ के गाने खुल गये ज़िन्दगी के मयख़ाने आज तो कुफ्रे-इश्क़े चौंक उठा आज तो बोल उठे हैं दीवाने कुछ गराँ हो चला है बारे-नशात आज दुखते हैं हुस्ने के शाने बाद मुद्दत के तेरे हिज्र में …