हज़रत सलीम चिश्ती का उर्स-मेले खेल तमाशे -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
हज़रत सलीम चिश्ती का उर्स-मेले खेल तमाशे -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi है यह मजमां निको, सिरिश्ती का। ज़िक्र क्या यां गुनाह की ज़िश्ती का। बहर है आरिफ़ों की किश्ती का। फ़ख्र है हर्फ़े-सर नविश्ती का। रश्क है गुलशने बहिश्ती का। उर्स हज़रत सलीम चिश्ती का॥ बागे़ जन्नत है …