शाख़-ए-उम्मीद जल गई होगी-गोया-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia

शाख़-ए-उम्मीद जल गई होगी-गोया-जौन एलिया -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaun Elia शाख़-ए-उम्मीद जल गई होगी दिल की हालत सँभल गई होगी ‘जौन’ उस आन तक ब-ख़ैर हूँ मैं ज़िंदगी दाव चल गई होगी इक जहन्नुम है मेरा सीना भी आरज़ू कब की गल गई होगी सोज़िश-ए-परतव-ए-निगाह न पूछ मर्दुमक तो पिघल …

Read more