शांत-बोधिसत्व -खण्डकाव्य-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind
शांत-बोधिसत्व -खण्डकाव्य-करन कोविंद -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Karan Kovind न हिल-डुल न मिल- जुल सभी शांत स्वप्निल दरख्त-पल्लव वायु- विप्लव मन -कलरव दिप्ती -उत्सव शान्त शान्त शान्त पीत – आग ज्वलित अविराग स्वेत -चांद प्रकाश-आवसाद क्लान्त क्लान्त क्लान्त राख -उध्ररव पुंज -उपाद्रव राह -प्रज्जवल ग्राम- उज्जवल श्रान्त श्रान्त श्रान्त