शांति-नीति-निचय-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh,
शांति-नीति-निचय-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh, प्रबल जिससे हों दानव-वृंद, अबल पर हो बहु अत्याचार; कुसुम-कोमल उर होवे बिध्द, धारा पर बहे रुधिर की धार। सूत्र मानवता का हो छिन्न, सदयता का हो भग्न कपाल; लुटे सज्जनता का सर्वस्व, छिने सहृदयता-संचित माल। हरण हो मानवीय अधिकार, लोक-बल …