मेरी हवाओं में रहेगी, ख़यालों की बिजली -शहीद भगत सिंह-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem|Kavita Shaheed Bhagat Singh
मेरी हवाओं में रहेगी, ख़यालों की बिजली -शहीद भगत सिंह-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem|Kavita Shaheed Bhagat Singh फ़ना नहीं है मुहब्बत के रंगो बू के लिए बहार आलमे-फ़ानी रहे रहे न रहे । जुनूने हुब्बे वतन का मज़ा शबाब में है लहू में फिर ये रवानी रहे रहे न रहे । रहेगी आबो-हवा में ख़याल की बिजली …