शब्द राग परजिया (परज) -संत दादू दयाल जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Dadu Dayal Ji
शब्द राग परजिया (परज) -संत दादू दयाल जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Dadu Dayal Ji (गायन समय रात्रि 3 से 6), 1 खेमटा ताल नूर रह्या भरपूर, अमी रस पीजिए, रस माँहीं रस होइ, लाहा लीजिए।टेक। परकट तेज अनंत, पार नहिं पाइए। झिलमिल झिलमिल होइ, तहाँ मन लाइए।1। सहजैं सदा प्रकाश, …