आकांक्षा का तूफ़ान-शंख घोष -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shankha Ghosh
आकांक्षा का तूफ़ान-शंख घोष -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shankha Ghosh इस गहन निस्पंद निर्जनता में अँधेरी साँझ की अजस्र निःसंग हवा में तुम उठाओ — बादल की तरह शीतल, चाँद की तरह विवर्ण अपना सफ़ेद ज़र्द चेहरा विराट आकाश की ओर! दूर देश में काँप उठा हूँ मैं आकांक्षा के असह्य आक्षेप से …