हम-तुम एक डाल के पंछी-शंकर लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shankar Lal Dwivedi
हम-तुम एक डाल के पंछी-शंकर लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shankar Lal Dwivedi हम-तुम एक डाल के पंछी, आओ हिलमिल कर कुछ गाएँ। अपनी प्यास बुझाएँ, सारी धरती के आँसू पी जाएँ।। अपनी ऊँचाई पर नीले- अम्बर को अभिमान बहुत है। वैसे इन पंखों की क्षमता, उसको भली प्रकार विदित है।। तिनके …