चपाती-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

चपाती-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi जब मिली रोटी हमें, सब नूरे हक़ रोशन हुए। रात दिन, शम्सो क़मर शामो शफ़क़ रोशन हुए॥ ज़िन्दगी के थे जो कुछ, नज़्मो नस्क़ रोशन हुए। अपने बेगानों के लाज़िम, थे जो हक़ रोशन हुए॥ दो चपाती के वरक़ में, सब वरक़ …

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