वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita,

वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है मिरी हस्ती का साया जा रहा है ख़ुदा का आसरा तुम दे गए थे ख़ुदा ही आज तक काम आ रहा है बिखरना और फिर उन गेसुओं का दो-आलम …

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