वो जो तेरे फ़क़ीर होते हैं -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita,
वो जो तेरे फ़क़ीर होते हैं -ग़ज़ल-अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, वो जो तेरे फ़क़ीर होते हैं आदमी बे-नज़ीर होते हैं देखने वाला इक नहीं मिलता आँख वाले कसीर होते हैं जिन को दौलत हक़ीर लगती है उफ़! वो कितने अमीर होते हैं जिन को क़ुदरत ने हुस्न …