तो क्या हुआ, वो एक ख़्वाब ही तो था-कविता-मुनीश जस्सल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Munish Jassal
तो क्या हुआ, वो एक ख़्वाब ही तो था-कविता-मुनीश जस्सल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Munish Jassal तो क्या हुआ, वो एक ख़्वाब ही तो था अच्छा था या बुरा, क्या फर्क पड़ता है। वो नींद में ही तो आया था, आंख खुलते ही कहीं चला गया। जब आया था तो एक हाथ में कुछ …