वो आँख अभी दिल की कहाँ बात करे है-ग़ज़लें(तन्हा सफ़र की रात)-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

वो आँख अभी दिल की कहाँ बात करे है-ग़ज़लें(तन्हा सफ़र की रात)-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar वो आँख अभी दिल की कहाँ बात करे है कमबख़्त मिले है तो सवालात करे है वो लोग जो दीवाना-ए-आदाब-ए-वफ़ा थे इस दौर में तू उनकी कहाँ बात करे है क्या …

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