वेख मरदान्यां तूं रंग करतार दे -कविताएं-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji
वेख मरदान्यां तूं रंग करतार दे -कविताएं-गुरु नानक देव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Nanak Dev Ji (इक सुपना) उठ मरदान्यां तूं चुक लै रबाब भाई, वेखीए इकेरां फेर रंग संसार दे । पै रही आवाज़ कन्नीं मेरे है दरद वाली, आ रहे सुनेहड़े नी डाढे हाहाकार दे । जंगलां पहाड़ां …