वृक्षत्व-चैत्या-नरेश मेहता-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naresh Mehta
वृक्षत्व-चैत्या-नरेश मेहता-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naresh Mehta माधवी के नीचे बैठा था कि हठात् विशाखा हवा आयी और फूलों का एक गुच्छ मुझ पर झर उठा; माधवी का यह वृक्षत्व मुझे आकण्ठ सुगंधित कर गया । उस दिन एक भिखारी ने भीख के लिए ही तो गुहारा था और मैंने …