शाहराह-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz

शाहराह-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz एक अफ़सुरदा शाहराह है दराज़ दूर उफ़क पर नज़र जमाये हुए सर्द मिट्टी के अपने सीने के सुरमगी हुस्न को बिछाये हुए जिस तरह कोई ग़मज़दा औरत अपने वीरांकदे में महवे-ख्याल वसले-महबूब के तसव्वुर में मू-ब-मू चूर, अज़ो-अज़ो निढाल