विहार-तार सप्तक -गजानन माधव मुक्तिबोध-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gajanan Madhav Muktibodh 

विहार-तार सप्तक -गजानन माधव मुक्तिबोध-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gajanan Madhav Muktibodh  #1. रवि का प्रकाश, शशि का विकास- पुंसत्वहीन नर का विलास । ये सूर्य-चन्द्र, नभ-वक्ष लुब्ध, वे अमित वासना के शिकार । वे गगन दीन वे रसिक रुग्ण, पुंसत्वहीन वेश्या-विहार । इन का प्रकाश जग के विशाल शव का सफ़ेद …

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