विस्मृति-विषाक्त-एकायन-चिन्ता अज्ञेय-सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sachchidananda Hirananda Vatsyayan Agyeya,
विस्मृति-विषाक्त-एकायन-चिन्ता अज्ञेय-सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sachchidananda Hirananda Vatsyayan Agyeya, विस्मृति-विषाक्त हाला भी पिला दो! प्राण वीणा मृत्यु-राग में हिला दो! तम ने चारों ओर घेरा, उचट गया जब प्यार तेरा। टूटा जीवन-द्वीप मेरा- कुचल दो इस को धूल में मिला दो! मन के सारे तार टूटे, पीड़ा धारासार …