विश्व मनाएगा कल होली-हरिवंशराय बच्चन
विश्व मनाएगा कल होली-हरिवंशराय बच्चन विश्व मनाएगा कल होली! घूमेगा जग राह-राह में आलिंगन की मधुर चाह में, स्नेह सरसता से घट भरकर, ले अनुराग राग की झोली! विश्व मनाएगा कल होली! उर से कुछ उच्छवास उठेंगे, चिर भूखे भुज पाश उठेंगे, कंठों में आ रुक जाएगी मेरे करुण प्रणय की बोली! विश्व मनाएगा कल …