विशाल भारत-जातीय संगीत-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh,

विशाल भारत-जातीय संगीत-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh, विधि-कांत-कर-सँवारा, संसार का सहारा, जय-जय विशाल भारत, भुवनाभिराम प्यारा। वर-वेद-गान-मुखरित, उन्नत, उदार, सुचरित, बहु पूत भूत पूजित अनुभूत मंत्र द्वारा। सुर-सिध्द-वृंद-वंदित, नंदन-वनाभिनंदित, आनंद-मान्य-मंदिर, सिंधुर-वदन सुधारा। जल-निधि-सुता-सुलालित, सुरसरि-सुवारि-पालित, जग-वंदिनी-गिरा-गृह, गिरिनंदिनी उबारा। रवि-कर-निकर-मनोहर, विधु-कांति-कल-कलेवर, सब दिव्यता-निकेतन, दिवलोक का दुलारा। मानस-सलिल-मनोरम, मंजुल-मृदुल, …

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