तुम महकती जवां चांदनी हो-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

तुम महकती जवां चांदनी हो-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar तुम महकती जवां चांदनी हो चलती फिरती कोई रोशनी हो रंग भी, रुप भी, रागिनी भी जो भी सोचूँ तुम्हे तुम वही हो तुम महकती जवां चांदनी हो जब कभी तुमने नजरें उठायीं आंख तारों …

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गरीब जान के हम को न तुम दग़ा देना-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

गरीब जान के हम को न तुम दग़ा देना-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar गरीब जान के हम को न तुम दग़ा देना तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा देना गरीब जान के. लगी है चोट कलेजे पे उम्र भर के लिये तड़प रहे …

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ये दिल और उनकी, निगाहों के साये-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

ये दिल और उनकी, निगाहों के साये-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar ये दिल और उनकी, निगाहों के साये मुझे घेर लेते, हैं बाहों के साये पहाड़ों को चंचल, किरन चूमती है हवा हर नदी का बदन चूमती है यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों …

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बेकसी हद से जब गुजर जाए-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

बेकसी हद से जब गुजर जाए-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar बेकसी हद से जब गुजर जाए कोई ऐ दिल जिए के मर जाए जिंदगी से कहो दुल्हन बन के आज तो दो घड़ी संवर जाए उनको जी भर के देख लेने दे दिल की …

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मैं अभी ग़ैर हूँ मुझको अभी अपना न कहो-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

मैं अभी ग़ैर हूँ मुझको अभी अपना न कहो-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar आ : मैं अभी ग़ैर हूँ मुझको अभी अपना न कहो मु : हाय मर जाएंगे मिट जाएंगे ऐसा न कहो आ : मैं अभी ग़ैर हूँ … मु : दिल …

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बेमुरव्वत बेवफ़ा बेगाना-ए-दिल आप हैं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

बेमुरव्वत बेवफ़ा बेगाना-ए-दिल आप हैं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar दर्द-ए-दिल दर्द-ए-वफ़ा दर्द-ए-तमन्ना क्या है आप क्या जानें मोहब्बत का तकाज़ा क्या है बेमुरव्वत बेवफ़ा बेगाना-ए-दिल आप हैं आप माने या न माने मेरे क़ातिल आप हैं बेमुरव्वत बेवफ़ा आप से शिकवा है मुझ को …

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ग़म नहीं कर मुस्कुरा-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

ग़म नहीं कर मुस्कुरा-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar ग़म नहीं कर मुस्कुरा जीने का ले ले मजा नादाँ ये ज़िन्दगी है खूबसूरत बाला अरे ग़म नहीं कर मुस्कुरा जीने का ले ले मजा नादाँ ये ज़िन्दगी है खूबसूरत बाला ग़म नहीं कर मुस्कुरा रुत …

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पूछ न मुझसे दिल के फ़साने -गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

पूछ न मुझसे दिल के फ़साने -गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar   पूछ न मुझसे दिल के फ़साने इश्क़ की बातें इश्क़ ही जाने वो दिन जब हम उन से मिले थे दिल के नाज़ुक फूल खिले थे मस्ती आँखें चूम रही थी सारी दुनिया …

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आवाज़ दो हम एक हैं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

आवाज़ दो हम एक हैं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar एक है अपना जहाँ, एक है अपना वतन अपने सभी सुख एक हैं, अपने सभी ग़म एक हैं आवाज़ दो हम एक हैं. ये वक़्त खोने का नहीं, ये वक़्त सोने का नहीं जागो वतन …

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मैं उनके गीत गाता हूं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar

मैं उनके गीत गाता हूं-गीत जाँ निसार अख़्तर-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar मैं उनके गीत गाता हूं, मैं उनके गीत गाता हूं! जो शाने तग़ावत का अलम लेकर निकलते हैं, किसी जालिम हुकूमत के धड़कते दिल पे चलते हैं, मैं उनके गीत गाता हूं, मैं उनके गीत …

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