प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2 प्रसाद जी की पुण्य स्मृति में भारतीय सुसंस्कृति के गर्व औ अभिमान ! बुद्ध की सबुद्धि के कल्याण- मय आख्यान ! आर्य-गौरव के अलौकिक दिव्य उज्ज्वल गान! राष्ट्रभाषा के विधाता, श्री, सुरभि, सम्मान ! नित्य मौलिक, ऐतिहासिक, चिर- विचारक आप, भावना …

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प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3

प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 3   भावों की रानी से कल्पनामयी ओ कल्यानी! ओ मेरे भावों की रानी! क्यों भिगो रही कोमल कपोल बहता है आंखों से पानी ! कैसा विषाद ? कैसा रे दुख ? सब समय नहीं है अंधकार ! आती है काली रजनी …

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प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 4

प्रभाती -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 4   कणिका उदय हुआ जीवन में ऐसे परवशता का प्रात । आज न ये दिन ही अपने हैं आज न अपनी रात! पतन, पतन की सीमा का भी होता है कुछ अन्त ! उठने के प्रयत्न में लगते हैं अपराध अनंत …

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गान्ध्ययन -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

गान्ध्ययन -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2   खादी गीत खादी के धागे-धागे में अपनेपन का अभिमान भरा, माता का इसमें मान भरा, अन्यायी का अपमान भरा। खादी के रेशे-रेशे में अपने भाई का प्यार भरा, मां-बहनों का सत्कार भरा, बच्चों का मधुर दुलार भरा। खादी की रजत …

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कविता -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

कविता -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2   कोशिश करने वालों की हार नहीं होती लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है मन का विश्वास रगों …

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बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 4

बाँसुरी -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 4 सपने में अम्मा आकर काजल देतो औ अनखनियाँ सपने में। भैया आकर मुझे उठा लेता है कनियाँ सपने में । मुन्नू आता, चाचा आते, दादा आते सपने में। खुल जाता है चन्द मदरसा गुरू पढ़ाते सपने में। करती म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ …

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गान्ध्ययन -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1

गान्ध्ययन -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1   झोपड़ियों की ओर जिनके अस्थि-पंजरों की नीवों पर ये प्रासाद खड़े, जिनके उष्ण रक्त के गारे से गढ़ डाले भवन बड़े; जिनकी भूखों की होली पर मना रहे तुम दीवाली, जिनसे तुम उज्ज्वल ! देखो, उनकी देहें काली-काली; उन भोले-भाले …

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बाल कविताएँ -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2

बाल कविताएँ -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 2 जी होता चिड़िया बन जाऊँ जी होता, चिड़िया बन जाऊँ! मैं नभ में उड़कर सुख पाऊँ! मैं फुदक-फुदककर डाली पर, डोलूँ तरु की हरियाली पर, फिर कुतर-कुतरकर फल खाऊँ! जी होता चिड़िया बन जाऊँ! कितना अच्छा इनका जीवन? आज़ाद सदा …

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कविता -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1

कविता -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1   तुम्हें नमन चल पड़े जिधर दो डग, मग में चल पड़े कोटि पग उसी ओर ; गड़ गई जिधर भी एक दृष्टि गड़ गए कोटि दृग उसी ओर, जिसके शिर पर निज हाथ धरा उसके शिर- रक्षक कोटि हाथ जिस …

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बाल कविताएँ -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1

बाल कविताएँ -सोहन लाल द्विवेदी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sohan Lal Dwivedi Part 1 हाथी और खरगोश खटपट, खटपट, खटपट, खटपट, क्या करते हो बच्चो, नटखट? आओ, इधर दौड़ कर झटपट, तुमको कथा सुनाऊँ चटपट! नदी नर्मदा के निर्मल तट, जहाँ जंगलों का है जमघट, वहीं एक था बड़ा सरोवर, जिसकी शोभा बड़ी मनोहर! …

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