कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 1

कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 1 चढ़ती चींटी सर्वदा चढ़ती चींटी सर्वदा, अनथक करे प्रयास । ले जाती है शीर्ष तक, बस मंजिल की आस ।। बस मंजिल की आस, सदा श्रम करती जाती । हो जाता श्रम साध्य, और मंजिल को पाती । कहे ‘साधना’ सत्य, लगन ही आगे …

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कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 2

कुण्डलियां-साधना ठकुरेला -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sadhana Thakurela Part 2 चलती रहती जिंदगी चलती रहती जिंदगी, ज्यों कागज़ की नाव । लोग भटकते लक्ष्य से, करते नहीं चुनाव ।। करते नहीं चुनाव, हवा खे कर ले जाती । कुछ हो जाती पार, कहीं पर भँवर डुबाती । कहे ‘साधना’ सत्य, करो मत कोई गलती …

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