नूर-ऐ-नबी-सरवरिन्दर गोयल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sarvarinder Goyal
नूर-ऐ-नबी-सरवरिन्दर गोयल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sarvarinder Goyal कि बेहद मुश्किल है नूर-ऐ-नबी का रूबरू होना, चेहरे तो हैं मगर नामुमकिन है तेरे रुखसार सा हूबहू होना ! कि बेहद मुश्किल है नूर-ऐ-नबी का रूबरू होना………… इंतहा-ऐ-सादगी कि उमीदवार हैं दीदार के, यकीनन है सरेबाज़ार फ़क़ीरों का बेआबरू होना ! कि बेहद मुश्किल …