कोरोना- क्यों रोना ?-कविता -संजीव कुमार दुबे -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sanjeev Kumar Dubey
कोरोना- क्यों रोना ?-कविता -संजीव कुमार दुबे -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sanjeev Kumar Dubey यद्यपि प्रचंड महाविनाशकारी है कोरोना । फिर भी क्यों लगता है?कुछ तो शुभ है होना । बम बंदूक तलवार और त्रिशूल । धर्मों के नाम पर बबूल ही बबूल। भूल चुके थे हम मानवता के उसूल। चारों तरफ बह …