भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra नज़्म-तुम इतनी चुपचाप हो.. क्यूँ-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu  नज़्म-आँखों को खाली रहने दे-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu  नज़्म-एक ख़्वाब ही थी तुम मेरे लिए-भारत …

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भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra

भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra सूरज का गोला-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra बच्चों की तरह-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra श्रम की महिमा-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhawani Prasad Mishra पंडित सरबेसर-बाल कविता-भवानी प्रसाद मिश्र-Hindi Poetry-कविता-Hindi …

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नज़्म-तुम इतनी चुपचाप हो.. क्यूँ-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

नज़्म-तुम इतनी चुपचाप हो.. क्यूँ-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu तुम इतनी चुपचाप हो.. क्यूँ..? तुम खामोश जो रहती हो, सब कुछ तनहा सा लगता है.. लगता है सभी फूल भी अब मुरझा जायेंगे.. तुम खामोश हो तो जैसे मेरी आवाज़ कहीं गुम है.. मैं भी गुमसुम हो जाता हूँ..। फिर …

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नज़्म-आँखों को खाली रहने दे-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

नज़्म-आँखों को खाली रहने दे-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu फिर ये आँखें खाली हैं.. अब और न सपने देख.. ऐ मन! इन्हें खाली ही तू रहने दे..। जब सपने बिखरा करते हैं आवाज़ नहीं होती है.. मगर हर शय भी बिखर सी जाती है..। मैं भी तो कितना बिखर गया.. …

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नज़्म-एक ख़्वाब ही थी तुम मेरे लिए-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

नज़्म-एक ख़्वाब ही थी तुम मेरे लिए-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu एक ख़्वाब ही थी तुम मेरे लिए.. ख़्वाबों में ही बस देखा तुम्हें वो हसीं ख़्वाब तुम्हें पाने के ..। वाकिफ़ हूँ मैं इस बात से कि तुमको मैं पा तो नहीं सकता.. पर ख़्वाबों में तुम्हे लाने से …

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ग़ज़ल-अजब है ये अदब उनका, अजब अंदाज़ रखते हैं-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

ग़ज़ल-अजब है ये अदब उनका, अजब अंदाज़ रखते हैं-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu अजब है ये अदब उनका, अजब अंदाज़ रखते हैं । उन्हें कोई ज़रूरत हो तभी वो याद करते हैं..। हमारे सहरा-ऐ-मन में बरसते हैं वो बनके नूर मगर अहसान ये हमपर वो मुद्दत बाद करते हैं..। न …

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ग़ज़ल-जा रहे हैं आप गर तो मुस्कुरा कर जाइये-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

ग़ज़ल-जा रहे हैं आप गर तो मुस्कुरा कर जाइये-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu जा रहे हैं आप गर तो मुस्कुरा कर जाइये, आपका हर ग़म हमारे पास छोड़ जाइये..। मुस्कुरा कर जिस तरह मुझसे मिले कल रात तुम, खुश रहोगे यूँ ही..इतना वादा करते जाइये..। कितनी हसरत से सदा देखा …

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ग़ज़ल-लफ़्ज़ बनकर आलम-ऐ-दिल जब निकला-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu 

ग़ज़ल-लफ़्ज़ बनकर आलम-ऐ-दिल जब निकला-भारत अंगारा मानु-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bharat Angara Manu लफ़्ज़ बनकर आलम-ऐ-दिल जब निकला कोई क़तरा आँख से बेसबब निकला । दूर तक नज़रों के हिस्से सूनापन जाने वो इस रास्ते से कब निकला । हर कोई चेहरा तेरा चेहरा मिला अपना चेहरा ढूँढने जब जब निकला । कोशिशें नाकाम …

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