कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh ग़ज़ल-प्रेम की अगन में जलता है कोई-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh एक दिन धरती पर हो गया-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh गीत-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | …

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ग़ज़ल-प्रेम की अगन में जलता है कोई-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

ग़ज़ल-प्रेम की अगन में जलता है कोई-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   प्रेम की अगन में जलता है कोई। आते समय घर से लिपटकर वो रोई। ओंठो पर सिसकियां, आंखों में है पानी। लिपटीं है वो मुझसे, मेरी है वो रानी। प्रेम है करती मुझमे है रहती रहता …

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एक दिन धरती पर हो गया-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

एक दिन धरती पर हो गया-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   एक दिन धरती पर हो गया बड़ा झोल। जब एक बाबा को नेता ने दिया अहम रोल । उसने सबसे अलग निति बनाई। फिर भोले भक्तो को पठ्ठी पढ़ाई। बोला मरने से पहले रजिस्ट्रेशन कराए जाते हैं। …

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गीत-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

गीत-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   (जब भारत का सैनिक युद्ध में बीरगति को प्राप्त होता है तो आखिरी समय में उसके मन कुछ बातें भारत मां की गोद मे दफ़न हो जाती है । लेकिन जब कोई देशभक्त उस मिट्टी को अपने माथे पर लगाता है तो …

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वो जो बादल बरसे तो सह भी लूं-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

वो जो बादल बरसे तो सह भी लूं-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   वो जो बादल बरसे तो सह भी लूं। आंखें जो बरसे तो सह कैसे लूं।। बिजली जो कड़की है मेरे जिया पर वो हाल शब्दो से कह कैसे दूं।। धरती की प्यास को तौलता है …

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छन छन चलती थी तलवारें-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

छन छन चलती थी तलवारें-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   छन छन चलती थी तलवारें, जिससे अकबर घबराता था। चेतक को घोड़ा कहते हो वो हवा में उड़ जाता था।। सिंह की भांति गरजते राणा का भाला बिजली सा चलता था। कटकर धड़ ऐसे गिरता , जैसे हवा …

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मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े, जाग जाये तो हम हैं।। तुम्ही तुम हो हमी हम है न तुम हम हो न‌ हम तुम है।। इंसान जब है हारता, परिणाम है निकालता। विज्ञान जब है हारता, ईश्वर को है …

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राधेय ही रहने देते-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

राधेय ही रहने देते-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   (दानवीर कर्ण की मनोदशा) राधेय ही रहने देते, क्यों मन में ऐसा तीर दिया। कुंती पुत्र बताकर, मन में जाने कैसा पीर दिया।। हे माधव मैं क्यू जन्मा जब गंगा में बहाना था। सूर्यपुत्र को सूतपुत्र ही जब सबको …

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प्रेम-संग्रह-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

प्रेम-संग्रह-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh मैं हूँ प्रेम में रहता वो नफरत में रहती है। मैं हूँ प्रेम में रहता वो नफरत में रहती है। मैं दिल मे दरिया बहाऊँ, वो दरिया से बहती है।। अजब सी फितरत और क्या अंदाज है उसका। जब मैं अपनी सुध खो …

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हम प्रधान से बोले-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh

हम प्रधान से बोले-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh   हम प्रधान से बोले हमको भी जादू सिखाइये। पांच साल में हमारी साइकिल को फॉर्च्यूनर बनाइये।। वो धबरा गये, अकेले में आ गये। जो हमारी कालोनी से बीस हजार खा गये। वे बोले साइकिल को मोटरसाइकिल बना कर दिखायेगे। …

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