कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma दम तोड़ता पिता-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma बिटिया के लिए तीज-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma मोहल्ला क्लॉस-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma मेरे स्कूल के बगल से …

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दम तोड़ता पिता-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

दम तोड़ता पिता-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   दम तोड़ते हुए पहली बार एक पिता ने कहा – “छोटकी बड़ी हो गयी है!” बेटे ने पहली बार सुनी पिता के कंठों से ‘आह’ का स्वर पहली बार अहसान हुआ जिम्मेदारी का बोझ।  

बिटिया के लिए तीज-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

बिटिया के लिए तीज-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   #1. आषाढ़ बीतने के बाद आषाढ़ बीतने के बाद शुरू होता है सावन माँ चढ़ा आती है मन्दिर मन्दिर पूड़ी और हलवा हर साल की तरह। पेड़ों पर पड़ जाते हैं झूले रिमझिम फूहारोः के बीच मेरे गाँव की युवतियां …

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मोहल्ला क्लॉस-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

मोहल्ला क्लॉस-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   बच्चों को इंतजार करते हुए कई महीने हो गये किंतु स्कूल अब तक तक नहीं खुला। साहेब ने कह दिया – “अब मोहल्ला क्लास पढ़ाइये।” मैं हर रोज साढ़े आठ बजे ऑफिस में दस्तखत बनाकर चला जाता हूँ गाँव और झुग्गी बस्तियों …

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मेरे स्कूल के बगल से नदी-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

मेरे स्कूल के बगल से नदी-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   मेरे स्कूल के बगल से एक नदी बहती है जो इनऊझ ताल से आदिकेशव घाट तक पहुंचने में कई बार थकती है कई बार रुकती है इस गाँव में दस-बीस घरों में केवल एक ही हैंडपंप मिलता है …

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न्याय से वंचित बच्चियाँ-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

न्याय से वंचित बच्चियाँ-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   देश में बलात्कार रोकने की चलाई जा रही है मुहिम टेलीवीजन पर खद्दरधारी लोग कर रहे हैं अपनी सफलता का दावा अखबारों में खबर के नाम पर छप रहा सिर्फ विज्ञापन और आये दिन सड़क किनारे मिलती है बच्चियों की …

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रुक्मिणी की मनः इच्छा-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

रुक्मिणी की मनः इच्छा-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   हे कृष्ण! मैं कुछ दिन के लिए राधा बनना चाहती हूँ तुम भी कान्हा बन जाओ ना मुझसे प्रेम करो जैसे किया था तुमने राधा से कुछ दिन के लिए रख दो चक्र सुदर्शन बजाओ मेरे लिए बांसुरी बनाओ शरीर …

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जनता और जन प्रतिनिधि-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

जनता और जन प्रतिनिधि-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   कुछ लोग मंच पर बैठे हैं और कुछ लोग मंच के नीचे थे मंच पर बैठे लोग जन-प्रतिनिधि थे और मंच के नीचे आम जनता थी जन-प्रतिनिधि लोग बता रहे थे इतिहास में दर्ज अपने पुरुखों की कहानियाँ दिखा रहे …

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इन्द्र देवता हैं?-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

इन्द्र देवता हैं?-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   इन्द्र देवता हैं? नहीं! मर गया था उनका उसी दिन देवत्व जिस दिन अवैध रूप से किया था उन्होंने अहिल्या के घर में प्रवेश किया था उनके साथ दुराचार। उनका वह कर्म छल, कपट व एक स्त्री के इच्छा के विरुद्ध …

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ये मजदूर औरतें-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma

ये मजदूर औरतें-कविता-दीपक शर्मा-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Sharma   ये मजदूर औरतें दिन रात करती हैं काम नहीं जानती आराम चलाती हैं फावड़ा खोदती हैं मिट्टी पाथती हैं ईंट छाती के बल खीचती हैं सगड़ी दूधमूँहें बच्चे को लादकर पीठ पर ढोती हैं ईंट, खाती हैं खैनी पीती हैं बीड़ी, …

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