जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad महाराणा का महत्त्व-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad श्रीकृष्ण-जयन्ती-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad वीर बालक -कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad कुरूक्षेत्र-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi …

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चल बसन्त बाला अंचल से किस घातक सौरभ से मस्त,-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

चल बसन्त बाला अंचल से किस घातक सौरभ से मस्त,-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad आती मलयानिल की लहरें जब दिनकर होता है अस्त। मधुकर से कर सन्धि, विचर कर उषा नदी के तट उस पार; चूसा रस पत्तों-पत्तों से फूलों का …

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स्वजन दीखता न विश्व में अब, न बात मन में समाय कोई।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

स्वजन दीखता न विश्व में अब, न बात मन में समाय कोई।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad   स्वजन दीखता न विश्व में अब, न बात मन में समाय कोई। पड़ी अकेली विकल रो रही, न दुःख में है सहाय कोई।। पलट …

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स्वर्ग है नहीं दूसरा और।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

स्वर्ग है नहीं दूसरा और।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad स्वर्ग है नहीं दूसरा और। सज्जन हृदय परम करुणामय यही एक है ठौर।। सुधा-सलिल से मानस, जिसका पूरित प्रेम-विभोर। नित्य कुसुममय कल्पद्रुम की छाया है इस ओर।।

अलका की किस विकल विरहिणी की पलकों का ले अवलम्ब-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

अलका की किस विकल विरहिणी की पलकों का ले अवलम्ब-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad   अलका की किस विकल विरहिणी की पलकों का ले अवलम्ब सुखी सो रहे थे इतने दिन, कैसे हे नीरद निकुरम्ब! बरस पड़े क्यों आज अचानक सरसिज …

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हमारे जीवन का उल्लास हमारे जीवन का धन रोष।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

हमारे जीवन का उल्लास हमारे जीवन का धन रोष।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad हमारी करुणा के दो बूँद मिले एकत्र, हुआ संतोष।। दृष्टि को कुछ भी रुकने दो, न यों चमक दो अपनी कान्ति। देखने दो क्षण भर भी तो, मिले …

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अमृत हो जाएगा, विष भी पिला दो हाथ से अपने।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

अमृत हो जाएगा, विष भी पिला दो हाथ से अपने।-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad अमृत हो जाएगा, विष भी पिला दो हाथ से अपने। पलक ये छक चुके हैं चेतना उनमें लगी कँपने।। विकल हैं इन्द्रियाँ, हाँ देखते इस रूप के …

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निर्जन गोधूली प्रान्तर में खोले पर्णकुटी के द्वार,-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

निर्जन गोधूली प्रान्तर में खोले पर्णकुटी के द्वार,-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad निर्जन गोधूली प्रान्तर में खोले पर्णकुटी के द्वार, दीप जलाए बैठे थे तुम किए प्रतीक्षा पर अधिकार। बटमारों से ठगे हुए की ठुकराए की लाखों से, किसी पथिक की …

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प्रार्थना-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

प्रार्थना-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad अधीर हो न चित्त विश्व-मोह-जाल में। यह वेदना-विलोल-वीचि-मय समुद्र है।। है दुःख का भँवर चला कराल चाल में। वह भी क्षणिक, इसे कहीं टिकाव है नहीं।। सब लौट जाएँगे उसी अनन्त काल में। अधीर हो न …

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प्रार्थना-नाटकों में से लिया गया काव्य संग्रह- रचनाएँ -जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad दाता सुमति दीजिए! मान-हृदय-भूमि करुणा से सींचकर बोधक-विवेक-बीज अंकुरित कीजिए दाता सुमति दीजिए।।