दोहे -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj Collections 4
दोहे -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj Collections 4 रोते-रोते जायँ सब, हँसता जाय न कोय हँसता-हँसता जाय तो, उसका जनम न होय। मिटती नहीं सुगंध रे ! भले झरें सब फूल यही सार अस्तित्व का, यही ज्ञान का मूल। फल तेरे हाथों नहीं, कर्म है तेरे …