कविता-माखनलाल चतुर्वेदी-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Makahanlal Chaturvedi Poetry Part 2
कविता-माखनलाल चतुर्वेदी-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Makahanlal Chaturvedi Poetry Part 2 गंगा की विदाई 1. शिखर शिखारियों मेंमे मत रोको, उसकी दौड़ लखो मत टोको, लौटे, यह न सधेगा, रुकना, दौड़, प्रकट होना, फिर छुपना, अगम नगाधिराज, जाने दो, बिटिया अब ससुराल चली | 2. तुम ऊंचे उठते हो रह रह यह नीचे को दौड़ …