उषा की लाली-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

उषा की लाली-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun उषा की लाली में अभी से गए निखर हिमगिरि के कनक शिखर आगे बढ़ा शिशु रवि बदली छवि, बदली छवि देखता रह गया अपलक कवि डर था, प्रतिपल अपरूप यह जादुई आभा जाए ना बिखर, जाए ना बिखर, उषा की लाली में भले हो …

Read more

मनुपुत्र दिगंबर-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

मनुपुत्र दिगंबर-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun समुद्र के तट पर सीपी की पीठ पर तरंगित रेखाओं की बहुरंगी अल्पना, हलकी! ऊपर औंधा आकाश निविड़ नील! नीचे श्याम सलिल वारुणी सृष्टि! सबकुछ भूल तिरोहित कर सभी कुछ – अवचेतन मध्य खड़े रहेंगे मनुपुत्र दिगंबर पता नहीं, कब तक… पश्चिमाभिमुख।

विज्ञापन सुंदरी-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

विज्ञापन सुंदरी-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun रमा लो मांग में सिन्दूरी छलना… फिर बेटी विज्ञापन लेने निकलना… तुम्हारी चाची को यह गुर कहाँ था मालूम! हाथ न हुए पीले विधि विहित पत्नी किसी की हो न सकीं चौरंगी के पीछे वो जो होटल है और उस होटल का वो जो मुच्छड़ …

Read more

फसल-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

फसल-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun एक के नहीं, दो के नहीं, ढेर सारी नदियों के पानी का जादू: एक के नहीं, दो के नहीं, लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा: एक के नहीं, दो के नहीं, हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म: फसल क्‍या है? और तो कुछ नहीं …

Read more

शैलेन्द्र के प्रति-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

शैलेन्द्र के प्रति-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun ‘गीतों के जादूगर का मैं छंदों से तर्पण करता हूँ ।’ सच बतलाऊँ तुम प्रतिभा के ज्योतिपुत्र थे,छाया क्या थी, भली-भाँति देखा था मैंने, दिल ही दिल थे, काया क्या थी । जहाँ कहीं भी अंतर्मन से, ॠतुओं की सरगम सुनते थे, ताज़े कोमल …

Read more

सोनिया समन्दर-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

सोनिया समन्दर-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun सोनिया समन्दर सामने लहराता है जहाँ तक नज़र जाती है, सोनिया समन्दर ! बिछा है मैदान में सोन ही सोना सोना ही सोना सोना ही सोना गेहूँ की पकी फसलें तैयार हैं– बुला रही हैं खेतिहरों को …”ले चलो हमें खलिहान में– घर की लक्ष्मी …

Read more

जी हाँ , लिख रहा हूँ-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

जी हाँ , लिख रहा हूँ-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun जी हाँ, लिख रहा हूँ … बहुत कुछ ! बहोत बहोत !! ढेर ढेर सा लिख रहा हूँ ! मगर , आप उसे पढ़ नहीं पाओगे … देख नहीं सकोगे उसे आप ! दरअसल बात यह है कि इन दिनों अपनी …

Read more

मंत्र कविता-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

मंत्र कविता-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun ॐ श‌ब्द ही ब्रह्म है.. ॐ श‌ब्द्, और श‌ब्द, और श‌ब्द, और श‌ब्द ॐ प्रण‌व‌, ॐ नाद, ॐ मुद्रायें ॐ व‌क्तव्य‌, ॐ उद‌गार्, ॐ घोष‌णाएं ॐ भाष‌ण‌… ॐ प्रव‌च‌न‌… ॐ हुंकार, ॐ फ‌टकार्, ॐ शीत्कार ॐ फुस‌फुस‌, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार ॐ आस्फाल‌न‌, ॐ इंगित, …

Read more

आओ रानी-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

आओ रानी-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun आओ रानी, हम ढोयेंगे पालकी, यही हुई है राय जवाहरलाल की रफ़ू करेंगे फटे-पुराने जाल की यही हुई है राय जवाहरलाल की आओ रानी, हम ढोयेंगे पालकी! आओ शाही बैण्ड बजायें, आओ बन्दनवार सजायें, खुशियों में डूबे उतरायें, आओ तुमको सैर करायें– उटकमंड की, शिमला-नैनीताल …

Read more

भूले स्वाद बेर के-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun

भूले स्वाद बेर के-कविता-नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun सीता हुई भूमिगत, सखी बनी सूपन खा बचन बिसर गए गए देर के सबेर के ! बन गया साहूकार लंकापति विभीषण पा गए अभयदान शावक कुबेर के ! जी उठा दसकंधर, स्तब्ध हुए मुनिगण हावी हुआ स्वर्थामरिग कंधों पर शेर के ! बुढ्भंस …

Read more