विनय-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

विनय-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad बना लो हृदय-बीच निज धाम करो हमको प्रभु पूरन-काम शंका रहे न मन में नाथ रहो हरदम तुम मेरे साथ अभय दिखला दो अपना हाथ न भूलें कभी तुम्हारा नाम बना लो हृदय-बीच निज धाम मिटा दो मन की मेरे पीर धरा दो …

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