तीनि छंदे खेलु आछै-टोडीੴ सतिगुर प्रसादि-शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji
तीनि छंदे खेलु आछै-टोडीੴ सतिगुर प्रसादि-शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji तीनि छंदे खेलु आछै ॥1॥ रहाउ ॥ कु्मभार के घर हांडी आछै राजा के घर सांडी गो ॥ बामन के घर रांडी आछै रांडी सांडी हांडी गो ॥1॥ बाणीए के घर हींगु आछै …