विजय दशमी-तार सप्तक -गिरिजा कुमार माथुर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Girija Kumar Mathur 

विजय दशमी-तार सप्तक -गिरिजा कुमार माथुर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Girija Kumar Mathur आसमान की आदिम छायाओं के नीचे, दक्षिण का यह महासिन्धु अब भी टकराता, सेतुबंध की श्यामल, बहती चट्टानों से। आँखों में, यह अन्तरीप के मन्दिर की चोटी उठती है, जिस पर रोज़ साँझ छा जाते, युग-युग रंजित, लाल, सुनहले, …

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