विजयागमन-मर्म-वेध-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh,
विजयागमन-मर्म-वेध-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh, आती हो प्रतिवर्ष दिखा जाती हो गरिमा; भर जाती हो मुग्ध मनों में महा मधुरिमा। कितनी ही कमनीय कलाएँ हो कर जातीं; विविध जीवनी शक्ति जाति में हो भर पाती। किंतु आज भी जाग न पाई भारत-जनता; है इतनी बल-हीन, कुछ …