वाहगुरू के नाम पि कुल-शहीदान-ए-वफ़ा-अल्लाह यार ख़ां -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allah Yar Khan Jogi ,
वाहगुरू के नाम पि कुल-शहीदान-ए-वफ़ा-अल्लाह यार ख़ां -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Allah Yar Khan Jogi , वाहगुरू के नाम पि कुल माल-ओ-ज़र भी दूं । ख़िलकत के फ़ायदे को लुटा अपना घर भी दूं । गरदन पती की दे ही चुकी अपना सर भी दूं । ख़ुशनूदी-ए-अकाल को लख़त-ए-जिगर भी दूं …