रुबाईयात- शायरी-कृष्ण बेताब -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Krishan Betab
रुबाईयात- शायरी-कृष्ण बेताब -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Krishan Betab फ़ुरसत में याद करना छोड़ दे नग़मे सोज़ के गाना छोड़ दे फिर भी न माने दिल अगर तो दिल के तारों को ही तू तोड़ दे आंखों में जब तुम हो समाये दिगर मजाल किसकी सनम जो आये लाख हसीं …