राम-विभुता-विभूति-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh,
राम-विभुता-विभूति-अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh, रक्त-रंजित था समय-प्रवाह; चमक थी रही काल-करवाल। कँप रहा था त्रिलोक अवलोक, कालिका-नर्तन परम कराल। दनुजता का दुरंत उत्साह, लोक का करता था संहार। सह न सकता था प्राणिसमूह पाशविकता का प्रबल प्रहार। विधूनित था विधि-बध्द विधान; दहल था रहा समस्त …