यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil यह सबब है जो हमारी वो खबर रखते नहीं, बेअसर नाले हैं कुछ ऐसा असर रखते नहीं। ख़ान:-ए-सय्याद से उड़कर, चमन तक जाएं क्या, हम तो अपने बाजुओं में बालो-पर रखते नहीं। सर हथेली पर लिए …

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देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil देश हित पैदा हुये हैं देश पर मर जायेंगे मरते मरते देश को जिन्दा मगर कर जायेंगे हमको पीसेगा फलक चक्की में अपनी कब तलक खाक बनकर आंख में उसकी बसर हो जायेंगे कर वही बर्गें …

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आज़ादी-इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

आज़ादी-इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं। हमें तोहमत लगाते हैं, जो हम फ़रियाद करते हैं। कभी आज़ाद करते हैं, कभी बेदाद करते हैं। मगर इस पर भी हम सौ जी से उनको याद करते हैं। …

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 दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil दुनिया से गुलामी का मैं नाम मिटा दूंगा। एक बार ज़माने को आज़ाद बना दूंगा। बेचारे ग़रीबों से नफ़रत है जिन्हें, एक दिन, मैं उनकी अमरी को मिट्टी में मिला दूंगा। यह फ़ज़ले-इलाही से आया है ज़माना …

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देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो हाथ में हो हथकड़ी, पैरों पड़ी ज़ंजीर हो सर कटे, फाँसी मिले, या कोई भी तद्बीर हो पेट में ख़ंजर दुधारा या जिगर में तीर हो आँख …

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तराना-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

तराना-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil बला से हमको लटकाए अगर सरकार फांसी से। लटकते आए अक्सर पैकरे-ईसार फांसी से। लबे-दम भी न खोली ज़ालिमों ने हथकड़ी मेरी, तमन्ना थी कि करता मैं लिपटकर प्यार फांसी से। खुली है मुझको लेने के लिए आग़ोशे आज़ादी, ख़ुशी है, हो गया महबूब …

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फूल-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

फूल-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil फूल ! तू व्यर्थ रह्यो क्यों फूल ? फूल ! तू व्यर्थ रह्यो क्यों फूल ? हो मदान्ध निज निर्माता को गयो हृदय से भूल रूप-रंग लखि करें चाह सब, को‍उ लखे नहिं शूल अन्त-समय पद-दलित होयगी निश्चय तेरी धूल चलत समीर सुहावन जब …

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ऐ मातृभूमि तेरी जय हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

ऐ मातृभूमि तेरी जय हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो । प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कान्तिमय हो । अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में, संसार के हृदय में तेरी प्रभा उदय हो । तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो …

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भारत जननि तेरी जय हो विजय हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

भारत जननि तेरी जय हो विजय हो-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil भारत जननि तेरी जय हो विजय हो । तू शुद्ध और बुद्ध ज्ञान की आगार, तेरी विजय सूर्य माता उदय हो ।। हों ज्ञान सम्पन्न जीवन सुफल होवे, सन्तान तेरी अखिल प्रेममय हो ।। आयें पुनः कृष्ण देखें …

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अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil अरूज़े कामयाबी पर कभी तो हिन्दुस्तां होगा । रिहा सैयाद के हाथों से अपना आशियां होगा । चखायेंगे मजा बरबादी-ए-गुलशन का गुलचीं को । बहार आयेगी उस दिन जब कि अपना बागवां होगा । वतन की आबरू का …

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