सरफ़रोशी की तमन्ना-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil

सरफ़रोशी की तमन्ना-राम प्रसाद बिस्मिल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Ram Prasad Bismil सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चरचा …

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